सबसे जीतकर भी, हरबार क्यों मैं तुझसे हार जाती हूं गर बोलने लगे तू, तो मैं ही हरबार चुप हो जाती हूं !! मोहब्बत का रास्ता तेरे साथ जो जुड़ चुका हैं, गर होने लगे गुस्सा, फिर मैं ही हरबार वजह बन जाती हूं !! मोहब्बत में हार जीत का कभी जिक्र नहीं किया, कहा जो तुमने कभी, वो हर बात खुशी से मान जाती हूं !! इश्क़ हमारा कभी बेबुनियाद नहीं रहा, गर टूटने लगे डोर, तो हर बार गलती को भूल जाती हूं !! #poetry सबसे जीतकर भी, हरबार क्यों मैं तुझसे हार जाती हूं गर बोलने लगे तू, तो मैं ही हरबार चुप हो जाती हूं !! मोहब्बत का रास्ता तेरे साथ जो जुड़ चुका हैं, गर होने लगे गुस्सा, फिर मैं ही हरबार वजह बन जाती हूं !! मोहब्बत में हार जीत का कभी जिक्र नहीं किया, कहा जो तुमने कभी, वो हर बात खुशी से मान जाती हूं !! इश्क़ हमारा कभी बेबुनियाद नहीं रहा,