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मेरी ख्वाहिशें कुछ ख्वाहिशें है मेरी, जब मिलने आओ

मेरी ख्वाहिशें

कुछ ख्वाहिशें है मेरी, जब मिलने आओं ना तो 
ज्यादा संवरना मत, बस अपनी जुल्फें खुली रखना...

(Read Full In Caption) कुछ ख्वाहिशे है मेरी...
जब मिलने आओंगी मुझसे तो ज्यादा मत संवरना बस अपनी जुल्फ़ें खुली रखना, आँख़ों में हल्का का काजल और होंठो पर हल्की सी लाली लगा लेना और वो जो तुम्हारी नाक की बाली है न उसे भूलना मत वो तुम्हारी खूबसूरती पर चार चाँद लगाती है और हाँ अपना वही पसंदीदा सूट पहनकर आना जिसमें तुम बला की खूबसूरत लगती हो।
और जब मिलो ना मुझसे से तो चहरे पर वही मुस्कान हो जो तुम्हारी मुझसे फोन पर बात करते वक्त होती थी और वादे के मुताबिक तुम्हारे साथ रेस्त्राँ में बैठकर एक ही कॉफी कप से कॉफी पीनी है, तुम्हारे चहरे को छूती बालों की लटों को हल्के हाथों से हटाना है और तुम्हारी आँखों में आँखें डालकर तुम्हें कुछ देर तक बस निहारना है, तुम्हारेे हाथ को अपने हाथ में थामें रखना है, तुम्हारी गोद में सर रखकर कुछ देर के लिए सोना है।
और तुम से ढेर सारी बातें करनी है, बहुत कुछ कहना है तुम तो बहुत कुछ सुनना है तुम्हारे होठों से।
कुछ वादे निभाने है तो कुछ और कसमें खानी है, बस इतनी सी ख्वाहिश है ताउम्र तुम्हारे साथ बितानी है।

- अनुराग सुराणा 
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मेरी ख्वाहिशें

कुछ ख्वाहिशें है मेरी, जब मिलने आओं ना तो 
ज्यादा संवरना मत, बस अपनी जुल्फें खुली रखना...

(Read Full In Caption) कुछ ख्वाहिशे है मेरी...
जब मिलने आओंगी मुझसे तो ज्यादा मत संवरना बस अपनी जुल्फ़ें खुली रखना, आँख़ों में हल्का का काजल और होंठो पर हल्की सी लाली लगा लेना और वो जो तुम्हारी नाक की बाली है न उसे भूलना मत वो तुम्हारी खूबसूरती पर चार चाँद लगाती है और हाँ अपना वही पसंदीदा सूट पहनकर आना जिसमें तुम बला की खूबसूरत लगती हो।
और जब मिलो ना मुझसे से तो चहरे पर वही मुस्कान हो जो तुम्हारी मुझसे फोन पर बात करते वक्त होती थी और वादे के मुताबिक तुम्हारे साथ रेस्त्राँ में बैठकर एक ही कॉफी कप से कॉफी पीनी है, तुम्हारे चहरे को छूती बालों की लटों को हल्के हाथों से हटाना है और तुम्हारी आँखों में आँखें डालकर तुम्हें कुछ देर तक बस निहारना है, तुम्हारेे हाथ को अपने हाथ में थामें रखना है, तुम्हारी गोद में सर रखकर कुछ देर के लिए सोना है।
और तुम से ढेर सारी बातें करनी है, बहुत कुछ कहना है तुम तो बहुत कुछ सुनना है तुम्हारे होठों से।
कुछ वादे निभाने है तो कुछ और कसमें खानी है, बस इतनी सी ख्वाहिश है ताउम्र तुम्हारे साथ बितानी है।

- अनुराग सुराणा 
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