उस लम्हात की दास्तां कुछ ऐसी है कि बातो की कड़वाहट उनमें भी थी और मुझमे भी शब्द निशब्द होते गए हम उस पल में ठहर से गए लगा जैसे की हम एक दूसरे को नहीं बल्कि खुदको ही खोते जा रहे हैं बेबुनियादी यादों में फस्ते जा रहे हैं एक कर्ज मुझ पर था तो एक कर्ज की वजह वो थी नफ़रते तो दिलो में थी बेवफ़ा हिमाकत तो हम कर बैठे रूसवा ज़िन्दगी तो हमारी थी पर अपनी नाराज़गी से तुम्हें खो बैठे। #khush #Rok_nahi_paye #left_alone #brokenheart #breakup