फूलों में लोहे की जंजीर बदल जाती है साया हो माँ का तो तकदीर बदल जाती है सीने में है गम तो उसके क़दमों पे गिर जा ममता माँ की खुशियों में पीर बदल जाती है बिन सोचे समझे देती है कुर्बानी अक्सर शीरे से माँ जहरीली खीर बदल जाती है करते फिरते हैं दुश्मन कत्ले साजिश मेरी सजदे में माँ के हर शमशीर बदल जाती है चिंता माँ को तेरी तुझसे ज्यादा है "सपना " ममता की मौके पे तासीर बदल जाती है sapna manglik #shayri#brokenheart#sapnawritesup