ध्रुव दो होते हैं उत्तर, दक्षिण, मैं उत्तर हूं,प्रश्न हो तुम । दक्षिण-सी दक्षिणा न तुम, यज्ञ-बाद क्या जश्न हो तुम ! दक्षिण के विपरीत वाम न, वामांगी किस लिहाज से ? धर्म जुड़ा सम्बंध के पद में, कद में धर्म न मिजाज से । ©BANDHETIYA OFFICIAL #धर्मपत्नी v धर्मपति ! #cactus