बचपन की शैतानियाँ बहुत याद आता है वो बचपन बेफिक्र वो पत्तल की नाव नाले में बहाना और एक बार खुद भी नाले में गिर जाना😁😁 वो बेहिसाब साइकल चलाना और घुटनों में हमेशा चोट होना😋 वो ड्राइंग की कापी और colur का एक महीने में ख़तम हो जाना फिर मम्मी का जोरों की डांट लगाना😍 वो कई अफवाह फैलाना कि पेंसिल के छिलके से रबर,और कोयला पीस के चुरन बनता है😛 बहुत यादें है किसे बताऊं किसे छुपाऊं पर सच सब कुछ , वो बेफिक्री याद आती है मुझे।😘 बचपन की शैतानियां #nojoto #nojoto हिंदी 😘😍😛😋😁 ✍✍✍✍✍✍