कौन नींद से जागा ,और फिर गहरी नींद में सोया कौन था। तेरी झील सी आंखों की गहराई में ।। बेबाक होकर खोया कौन था। तू कहती गर-एक बार मुझे तो, ये दिल तेरे कदमों में निकाल कर रख देता । पर.. तेरे उस धोखेे के जाल में ,लिपटकर सारी-सारी रात रोया कौन था । कौन नींद से जागा और सोया कौन था । LP Thought