आख़री उम्मीद अब आजमाने को, दिल चाहता है फिर से मुस्कुराने को, जो रहे थे अजीज कभी रिश्ते मिरे, वो बस थे अपने साथ दिखाने को, ख़्वाहिशें जलती रही रात भर मिरी, आख़िर देता कौन ख़बर जमाने को, हँसने वाले हँसते रहे शब-ओ-सहर, हम तरसते रहे बस एक बहाने को, रिश्तों ने कर दिया जख़्मी दिल मिरा, यारों ने महफ़िल नई एक बनाने को, अब किस्से औऱ क्या करे बयाँ कुमार, कुछ खिलौने बने ही थे टूट जाने को, — Kumar✍️ ©Kumar #रिश्ते_मतलबी #नोजोटो_शायरी #Nojotowriter Minakshi goyal indira Deepti Abdullah Qureshi GAUTAM SHAKUNTALA GOSAI #अंकितसारस्वत #कविराहुलपाल