White बेचैन आत्मा को मिल जाए पीर फकीर माथा टेके बदलना चाहे हाथ की लकीर कर्म त्याग मन रहा मलिन आस लिए पगला चलता जाए राग में भरे पीर का झोला खुली नहीं फिर भी किस्मत की वो जंजीर झोली भर रही फिर क्या बोले फकीर ।। ©NC #sad_quotes #kavita कविता कोश हिंदी कविता कविताएं