धुम्रपान ~~~~~~ धुम्रपान जो भी करे, मरता है बिन मौत। नशा सौत है मौत की, चढ़े नशेड़ी भौत। खींच धुम्र को जो रहे, पास बुलाते मौत। कश मारे जो खींच कर, खुश होती है सौत।। धुम्र चढ़े जब श्वाँस में, चढ़े खून विष सार। गल जाये फिर फेफड़े, खींच-खींच कश मार।। धुम्र शत्रु है जान का, संग नशे के आय। कर कर खुश है मारता, जान लिये फिर जाय।। शौक न पालो तुम नशा, शौक नशा ले जान। शौक कीजिए जान का, पथ्य शौक लो मान।। @ गोपाल 'सौम्य सरल' #धुम्रपान #नशेड़ी #कोराकाग़ज़ #glal #yqdidi #smokingkills #smoking #दोहा