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#वो_यादें मुझे, आज भी है डराती.. नही भूल पाता, वो

#वो_यादें मुझे,
आज भी है डराती..
नही भूल पाता,
वो सावन की रातें..
डरी सहमी जाने,
कहां से तू आई..
पकड़कर मुझे तू,
गले थी लगाई..
बदन में तेरी बड़ी,
कम्पन मची थी..
गले से तू लग के,
रोने लगी थी..
पूछा भी तुझसे,
हुआ क्या तुझे है..
बताई नही,
बस रोती रही थी..
वो रातें तो गुज़री,
मगर तू नही थी..
वो सावन की राते,
भयावह बड़ी थी..
#अजय57
#वो_यादें मुझे,
आज भी है डराती..
नही भूल पाता,
वो सावन की रातें..
डरी सहमी जाने,
कहां से तू आई..
पकड़कर मुझे तू,
गले थी लगाई..
बदन में तेरी बड़ी,
कम्पन मची थी..
गले से तू लग के,
रोने लगी थी..
पूछा भी तुझसे,
हुआ क्या तुझे है..
बताई नही,
बस रोती रही थी..
वो रातें तो गुज़री,
मगर तू नही थी..
वो सावन की राते,
भयावह बड़ी थी..
#अजय57
ajaykeshari572073

Ajay Keshari

New Creator