"तुम ठहर गए होते तो ऐसा ना होता," आज जैसा रुत है, वैसा न होता, ये तन्हाई न तुम्हें चुभती, न मैं तुम्हारी यादों में डूबी रहती।। तुम ठहर गए होते तो ऐसा न होता।। आज जैसा रुत है, वैसा न होता।। #नोजोटोकविता