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बुराई का आलम देखिये, जिसका नाम भी नहीं लेना चाहते

बुराई का आलम देखिये,
जिसका नाम भी नहीं लेना चाहते हैं।
वक़्त बर्बाद कर रहे हैं लोग,
ख़्वाह-मख़ाह उन्ही के चर्चो में।। ख़्वाह-मख़ाह के हिंदी अर्थ (क्रिया-विशेषण) : न चाहते हुए भी, ज़बरदस्ती, मजबूरी के साथ, अनावश्यक, बेवजह, बेकार ही

OPEN FOR COLLAB✨ शुभ सोचोगे, शुभ ही होगा।
• A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ 
Collab with your soulful words.✨ 
• Must use hashtag: aestheticthoughts 
• Please maintain the aesthetics. 
Collaborating with Aesthetic Thoughts
बुराई का आलम देखिये,
जिसका नाम भी नहीं लेना चाहते हैं।
वक़्त बर्बाद कर रहे हैं लोग,
ख़्वाह-मख़ाह उन्ही के चर्चो में।। ख़्वाह-मख़ाह के हिंदी अर्थ (क्रिया-विशेषण) : न चाहते हुए भी, ज़बरदस्ती, मजबूरी के साथ, अनावश्यक, बेवजह, बेकार ही

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