कम शब्दों में ज्यादा कह जाती थी यह चिट्ठी ही तो थी, जो अठन्नी के टिकट और चंद पैसों से दिल की सारी बातें कह जाया करती थी । बड़े से बड़े निर्णय हो या छोटी कोई गलती शादी का निमंत्रण हो या हो शोक का संदेश सब इसमें समा जाया करता था डाकिए की एक आवाज से मानो घर का सारा माहौल बदल जाया करता था वो चिट्ठी ही तो थी। अम्मा बाबा की फिक्र से लेकर प्यार का जिक्र तक कर दिया करते थे उस छोटे से पन्ने में बिखरे अल्फ़ाज़ क्या कुछ कह दिया करते थे। कुछ याद रहे जमाने में और कुछ पीछे छूट गए चिट्ठी के किसी लाल पेटी के पैमाने में हां ! वो चिट्ठी ही तो थी। ©srishti 🌎 #mood #life #hindi #letter #चिट्ठी