कैक्टस के फूल लगे हैं शाख पर मेरी रेगिस्तान की गरम रेत साथी मेरी बंजर अंखियां पानी को तरसती जमीं बादल हो मेहरवां ऐसी उस रेतकी हस्ती कहाँ ©करिश्मा. राठौर #कैक्टस