दो पल की जिंदगानी है रूठना और मनाना यही तो कहानी हैं | कयों करते हो जाया इसे दिल में बसा कर नफरतों को, मुहब्बत करो और फिर देखो कैसे रंगीन होती ये जिंदगानी हैं| Do pal kisi jindgani hai..