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तेज हवाओं के साथ बरसात होने लगी, मैं तेजी से चलता

तेज हवाओं के साथ बरसात होने लगी, मैं तेजी से चलता जा रहा था और बरसात से बचने के लिए इधर उधर उपयुक्त स्थान की तलाश मे रहा था। कुछ दूर चलने पर एक छोटा सा धर नजर आया, मैंने दरवाजा खटखटाया, एक बूढ़ी औरत ने दरवाजा खोला मैंने कहा अम्मा क्या बरसात रूकने तक मैं यहां रूक  सकता हूं।वह बोली हां क्यों नहीं! अन्दर आ जाओ,, मैं पूर्णतः भीगा हुआ था, उसने मुझे एक तौलिया और कहा अंदर जाकर कपड़े बदल लो बारिश इतनी जल्दी नहीं रुकने वाली। मैंने मना किया वह बोली जिद ना करो बेटा तबियत बिगड़ी जाएगी, मैं अंदर कपड़े बदलने चला गया। लौटा तो उसने कहा लोग बेटा चाय पी लो, भीगने के कारण मुझे ठंड लग रही थी मैंने और अम्मा चाय पीते पीते बातें करने लगे, मैंने पूछा आप अकेले ही रहती है! उसने आहें भरते हुए कहा हां अब मैं अकेली ही रहती हूं,,,अब अकेले, उसने कहा हां मेरा भी कभी एक खुशहाल परिवार था,करोना महामारी की भेट चढ़ गया, कहते कहते वह फफक-फफक कर रोने लगी मैं उसके आंसुओं को पोंछता हुआ उसे चुप कराने लगा वह अपनी सारी कहानी सुनाऐ जा रही थी और सिसकियां लेती जा रही थी,, मैंने कहा अब आप कभी मत रोना
आप ने मुझे बेटा कहां है आज से आप की सारी जिम्मेदारी मेरी होगी आप अकेली नहीं हैं।
अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🏻🙏🏻

©Ashutosh Mishra #LonelyRoad NojotoHindi NojotoEnglish NojotoNews Nojotothought Nojotokhani रविन्द्र 'गुल' ek shayar kiran kee kalam se Poonam Sm@rt Divi chandni

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