*शायद ग़रीब माँ का सहारा चला गया* जल्वा दिखा के हुस्ने सरापा चला गया नज़रें मिलीं तो लुत्फ़े नज़ारा चला गया चैन ओ सुकून ज़ीस्त का सारा चला गया हर दिल अज़ीज़ जान से प्यारा चला गया आई ये किस मकान से रोने की है सदा शायद ग़रीब माँ का सहारा चला गया वह जल रहा है देखो यतीमी की धूप मे सर से है जिसके बाप का साया चला गया करता नही है कोई बुज़ुर्गों का एहतराम बच्चों से अब तो ये भी सलीक़ा चला गया जिसको बनाया हमने रफ़ीक़े सफ़र वही करके जहान में हमें तन्हा चला गया मुद्दत से बात करने की जिस से थी आरज़ू वह करके दूर ही से इशारा चला गया हुस्नो जमाल ने तुझे मग़रुर कर दिया यह कह के तुझसे तेरा ही शैदा चला गया *शैदा मिस्बाही मकनपुरी* best gazal