*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“9/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“मंगलवार”*✨📙 “बाहरी सुख” और “आंतरिक सुख” यदि बात कि जाए हमारे “शरीर” में रह रही इस “आत्मा” की तो ये कभी हमारा “साथ” नहीं छोड़ती, सदैव हमारे साथ “जुड़ी” हुई रहती है ऐसा ही होता है “आंतरिक सुख”, ये सदैव हमारे साथ रहता है “आंतरिक सुख” किसी की “सेवा”,आंतरिक सुख किसी की “सहायता” का,आंतरिक सुख “प्रेम” का ये कभी “साथ” नहीं छोड़ता, और ये “बाहरी सुख” जबतक आपके पास कुछ “सम्पन्नता” है,कुछ “लोग” है,कुछ “सुविधाएं” है ये “बाहरी सुख” आपके साथ रहेगा, “सम्पन्नता” चली गई,“लोग” चले गए और “सुविधाएं” चली गई ये बाहरी सुख भी चला जाएगा, तो इसलिए इस आंतरिक सुख के स्वयं सुखी रहिए... ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“9/3/2021”*🖋️ 📘✨ *“मंगलवार”*✨📙 #“बाहरी सुख” #“आंतरिक सुख”