तू छोड़ गई, पर आज भी अटूट तुझसे बंधन है... दूर है तू मुझसे, पर आज भी कानो मे बजते तेरे कंगन हैँ.. सोचता हु तेरे बारे मे, तो तेरा चेहरा मुझे सूझता है.. कैसे जी रही है मेरे बिन, ये दिल पूछता है... कम्बख्त ये दिल तुझे भुला ही नहीं पाता है.... तेरे हाथ का वो कंगन, मुझे हर पल सताता है.... वो पल कुछ और थे जब तुम मुझे मिली थी.. चेहरे पर मेरे फूलो सी मुस्कान खिली थी... दूर होकर तुमसे मे आज भी करीब हूं... कम्बख्त ये प्यार पाकर मे आज भी गरीब हु... #terekangan..