सुन मेरे हमसफ़र तू क्यों है बेखबर तेरी यादें आती है शब भर, क्या तुझे हिचकी नही आती रातभर सुन मेरे हमसफर , तू क्यों है बेख़बर क्यों नाराज़ है हमसफ़र, तू क्यों चला गया बे-सबर(सब्र) सुन मेरे हमसफर, तू क्यों है बेखबर में तड़पी हु इधर, तू वाकिफ है मेरी भी हालत से उधर फिर भी क्यों चला गया अनजान डगर सुन मेरे हमसफ़र सुन मेरे हमसफ़र #sunmerehamsafar