वो तितली की चंचलता मन की निश्छलता मिठ्ठी मधुर मंद मुस्कान टेढ़ी मेढी चाल वो ही ही हीकार भरता बचपन ठुमक ठुमक थिरकता बचपन नहीं भुला मैं मेरा शवरनिम बचपन वो राग-गीत हीत-प्रीत मेघ मलहार सावन बहार ओझल सोझल झिलमिलाता टिम टिम टिहिंकता बचपन न आशा न निराशा न किसी तरह की कोई थी अभीलाशा ऐसा ठोला नटखट विनम्र उनमत व्याह-व्याह रंगों से ललहाता बचपन नहीं भुला मैं मेरा शवरनिम बचपन।। #बचपन #बचपन#nojoto#nojotohindi