stet2019 ====== न्याय मांगने की हमें जरूरत नहीं है जब भी मांगी तो ये मिलती नही है तारीख पे तारीख बदली मगर,केस फाईल बिल्कुल भी हिलती नहीं है भ्रम में जी रहें हैं गरीबों के लाल शायद कोई आकर करेगा कमाल मगर ये सौ फिसद सच है सुन लो ज़रा मजबूरों की किस्मत बदलती नहीं है सोचा था मेहनत से लिखेंगें भविष्य गरीबों का भला अब करेंगें नितिश मगर रात गहरी है और लम्बी बहुत ये आई है लेकिन अब ढ़लती नहीं है (क्रमशः) ©Qamar Abbas #darkestnight