पालि से प्राकृत हुई, लेकर अपभ्रंश प्रभाव संस्कृत से ही तब हुआ, हिंदी का प्रादुर्भाव हिंदी का प्रादुर्भाव, बनी जन-गण की भाषा भावों को सहज उकेरे, अंतरमन की भाषा। हिंदी सरल-सुबोध, सृजन को मधुर बनाती करुण ना होने पाए, आज यह अनुपम थाती। -विशाल #हिंदीदिवस #हिंदीदिवस2020 #हिंदी_मेरी_पहचान #reading #HindiDiwas2020