तड़प कर रहे उनकी यादों में यूं ही रात दिन, उन्हें तो एहसास भी नहीं तरस रही है कैसे बेबस निगाहें ,यूं ही तेरे बिन बेवजह इस मन में तेरे ख्वाब सजाए बैठे हैं ,धड़कते दिल में आस लगाए बैठे हैं ,बंदगी ने तेरे मुझको सिला दिया एतबार का ,दिन मान तुझ पर लुटा कर यूं ही रात दिन ,खुद को ना समझोगे बेबस, इसलिए तेरे ख़्वाब दफनाए बैठे हैं! shayaris