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कोयल के बच्चे (Read Full story in caption) #childr

कोयल के बच्चे
(Read Full story in caption) #childrenstory #kidsstory #junglebook #birdsstory 
Photo credit- Shutterstock

कोयल के बच्चे

अपनी आदत से मजबूर कोयलिया ने फिर से कौवे के घोंसले में ही अंडा दे दिया था। अपने कुछ अंडों से कोयल के बच्चे निकलता देख कौवा-दंपति थोड़े संदेह में तो जरूर था, पर प्रकृति की नियति मानकर उन्होंने उन बच्चों पर अपना वात्सल्य प्रेम लुटाना जारी रखा। कौवा और कोयल के बच्चे साथ-साथ बड़े होने लगे। कौवों की कर्कश काँव-काँव और कोयल मीठी कुहुsss कुहुsss  के अलावे उनके शारीरिक सौष्ठव, रंग एवं गठन में ज्यादा अंतर नहीं था। कौवा-दंपति मधुर आवाज वाले बच्चों को पाकार स्वयं को धन्य समझ रहे थे ।
एक दिन सुबह-सुबह जब वो भोजन की तलाश में दूर निकले हुए थे, घोंसले में सारे बच्चे आपस में झगड़ने लगे, क्योंकि कोयल के एक बच्चे ने कौवे के एक बच्चे को बेसुरा और फंटी बांस कह दिया था। उनके शोर से पूरा इलाका गुंजायमान हो गया था। शोर सुनकर पेड़ पर रहने वाले दूसरे पक्षी तुरंत ही उड़कर घोसले के पास पहुँच गए थे और माजरा समझने की कोशिश कर रहे थे।
उन्हें यह बात समझते देर न लगी कि फिर से कोयलिया ने अपना खुद का घोंसला बनाने के बजाय कौवे के घोसले में अंडे दे दिये थे।
कोयल के बच्चे
(Read Full story in caption) #childrenstory #kidsstory #junglebook #birdsstory 
Photo credit- Shutterstock

कोयल के बच्चे

अपनी आदत से मजबूर कोयलिया ने फिर से कौवे के घोंसले में ही अंडा दे दिया था। अपने कुछ अंडों से कोयल के बच्चे निकलता देख कौवा-दंपति थोड़े संदेह में तो जरूर था, पर प्रकृति की नियति मानकर उन्होंने उन बच्चों पर अपना वात्सल्य प्रेम लुटाना जारी रखा। कौवा और कोयल के बच्चे साथ-साथ बड़े होने लगे। कौवों की कर्कश काँव-काँव और कोयल मीठी कुहुsss कुहुsss  के अलावे उनके शारीरिक सौष्ठव, रंग एवं गठन में ज्यादा अंतर नहीं था। कौवा-दंपति मधुर आवाज वाले बच्चों को पाकार स्वयं को धन्य समझ रहे थे ।
एक दिन सुबह-सुबह जब वो भोजन की तलाश में दूर निकले हुए थे, घोंसले में सारे बच्चे आपस में झगड़ने लगे, क्योंकि कोयल के एक बच्चे ने कौवे के एक बच्चे को बेसुरा और फंटी बांस कह दिया था। उनके शोर से पूरा इलाका गुंजायमान हो गया था। शोर सुनकर पेड़ पर रहने वाले दूसरे पक्षी तुरंत ही उड़कर घोसले के पास पहुँच गए थे और माजरा समझने की कोशिश कर रहे थे।
उन्हें यह बात समझते देर न लगी कि फिर से कोयलिया ने अपना खुद का घोंसला बनाने के बजाय कौवे के घोसले में अंडे दे दिये थे।