कहते हैं कि सपनों की उँची उड़ान, मांगती नहीं कोई बड़ी भारी लगान, जिसे इसकी चाह हो तो... बस दे मेहनत की सही परमान, जरुरी नहीं है जारी करना... इसके लिए कोई मुनफ़रिद फ़रमान, सोने पे सुहागा है तब... जब ये हो इक नेक़ अरमान, मुकम्मल होगी जब... तो ख़ुदपे करेगा बेशक़ बड़ा एहसान। मुनफरिद: unique, लगान: Cess/ Tax, परमान: prove/ evidence, फ़रमान: order