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दौड़ कर जब गले से लग जाती है तू एक अजीब सा सुकून मि

दौड़ कर जब गले से लग जाती है तू
एक अजीब सा सुकून मिलता है,
याद करती हूँ वो दिन
जब मन्नतों में तुझे माँगा करती थी। 

जी करता है सारा प्यार तुझ पर लुटा दूँ,
पर फिर डर जाती हूँ। 
कहीं वही प्यार तुझे औरों से नहीं मिला तो,
कैसे टूट कर बिखर जाएगी तू। 

सोचती हूँ न करूं तुझसे इतना प्यार,
आदत रहेगी तुझे इस बेरुखी की। 
पर क्या करूं, माँ हूँ तेरी,
चाह कर भी दूर नहीं रह सकती। 

लेकिन कोशिश करुँगी तुझे ऐसे बड़ा करने की
कि खुद में अपनी खुशियां ढूंढ़ना सीख जाए तू। 
खुश होने के लिए कभी भी
किसी और की जरुरत न पड़े तुझे। #momdaughter #daughterlove #momlove #maabeti #momkidslove
दौड़ कर जब गले से लग जाती है तू
एक अजीब सा सुकून मिलता है,
याद करती हूँ वो दिन
जब मन्नतों में तुझे माँगा करती थी। 

जी करता है सारा प्यार तुझ पर लुटा दूँ,
पर फिर डर जाती हूँ। 
कहीं वही प्यार तुझे औरों से नहीं मिला तो,
कैसे टूट कर बिखर जाएगी तू। 

सोचती हूँ न करूं तुझसे इतना प्यार,
आदत रहेगी तुझे इस बेरुखी की। 
पर क्या करूं, माँ हूँ तेरी,
चाह कर भी दूर नहीं रह सकती। 

लेकिन कोशिश करुँगी तुझे ऐसे बड़ा करने की
कि खुद में अपनी खुशियां ढूंढ़ना सीख जाए तू। 
खुश होने के लिए कभी भी
किसी और की जरुरत न पड़े तुझे। #momdaughter #daughterlove #momlove #maabeti #momkidslove