करता हूं भगवान पर विश्वास माध्यम मैं मूर्तियों को बनाता हूँ एकलव्य की प्रेरणा का चिराग अपने ह्रदय में जलाता हूँ बिना फोन (माध्यम) के तो आजकल किसी से वार्तालाप भी नहीं हो पाता। और जो कहते हैं हमारे यहां मूर्तियां नहीं मानते हैं जाने अनजाने वो भी किसी जीव या अजीव को माध्यम बनाते हैं