खरीदी थी किताब तब उसे पहली बार देखा था फिर बाद उसके कुछ ना पूरे बाज़ार देखा था दिल पर यूँ भी कोई इख़्तियार करता है ना पता सुकून था आँखों में, पर ख़ुद को बेकरार देखा था एक कदम भी ना हिला सके, जाने पैर कैसे जमे उनकी. जुल्फ - ओ - नज़र का ख़ुमार देखा था बिंदी, चूड़ी, झुमके, पायल, ना जाने क्या क्या पहना हमने पच्चीस बरस में किसी को ऐसा तैयार देखा था दिल में उतरी थी रौशनी उसके गोरे रूख़सार से चाँदनी रात में 'कुमार' अपना यार देखा था #paidstory #kumaarsthought #kumaaronlove #bindi #kumaaronbindi