इक अर्से का गुलाल कुछ यूँ सम्भाल रखा है मैनें तेरे रंग में रंगने को कुछ इस तरह तैयार बैठा हूँ मैं। तू इस बार भी अपने रंग में रंगने आएगी मुझे, इस आस में यादों के कुछ रंग साथ रखा है मैने। to be continued.... -Deep Holi festival