भूल जाऊ तुछे, अब तो मुमकिन नही ये, भले मौत इसको मुमकिन बनाए। तू शामिल नही है मेरे कातिलों मे, भले मौत मेरी ,तेरे सर पे आए। तू मुकद्दर मे मेरे नही है ,तो क्या गम , बस चाहूं यही तू सदा मुस्कुराए। - ©Abhishek Vishwakarma fee