नैनों से नैनों का मिलना और फिर चार हो जाना यूं हल्का सा मुस्कराना और फिर नज़रों का झुक जाना यूं बालों का सवारना और फिर पलट कर देख कर जाना बहकी फ़िज़ाओं का भी मन मुग्ध हो जाना शायद ये इश्क़ नहीं, है बस कुछ पल का रुखसाना और फिर शम्स की तरह इसको भी डूब ही जाना - DEVANSH RAJPOOT रुखसाना - उदय शम्स - सूरज फ़िज़ा - वातावरण #khubsuratalfaz #ghazal #follow #love #urdughazal #hindighazal #shyaris #sher #feeling_loved