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मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आज

मोरा जियरा बिसरा रे
यमुना घाट के किनारे 
कान्हा आजा तू
बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे
      सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ
      तोरी सांवली सूरत दरपन में देखूँ।
     जग सांवला हुआ रे।  
यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे।
तेरी बंसी की धुन गूँज रही पत्तन में, रज रज में 
पूरे गोकुल की सुधबुध गयी 
जबसे यादें छोड़ गया तू गोकुल में 
अब आ भी जारे 
  यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे।
पारुल शर्मा #Krishna
  गीत

मोरा जियरा बिसरा रे
यमुना घाट के किनारे 
कान्हा आजा तू
बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे
      सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ
मोरा जियरा बिसरा रे
यमुना घाट के किनारे 
कान्हा आजा तू
बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे
      सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ
      तोरी सांवली सूरत दरपन में देखूँ।
     जग सांवला हुआ रे।  
यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे।
तेरी बंसी की धुन गूँज रही पत्तन में, रज रज में 
पूरे गोकुल की सुधबुध गयी 
जबसे यादें छोड़ गया तू गोकुल में 
अब आ भी जारे 
  यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे।
पारुल शर्मा #Krishna
  गीत

मोरा जियरा बिसरा रे
यमुना घाट के किनारे 
कान्हा आजा तू
बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे
      सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ
parulsharma3727

Parul Sharma

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