मेरे दोस्तों मेरे पढ़ने वालों अदीबों आदाब ا ग़ज़लें रोती हैं मेरी, अपनी कमतरी और ख़ामियों के सबब ا हालांकि मैं खुद बख़ूबी जानता हूँ, कुछ बारीकियाँ इस इल्म की मख़फ़ी यानी ग़ैर हाज़िर हैं अभी मेरी कलमकारी में ا शेर का हक़ अदा कर पाना और उसमे रूह को उतारना अभी नहीं आता, इसलिए फ़िलहाल आप से मुआफ़ी तलब ا इस अहद के साथ रुख़सत हो रहा हूँ की इस इल्म को समझने के बाद आपके दरपेश आऊंगा ا -Abeer ا #yqbaba #yqdidi #yqquotes #aestheticthoughts #yqtales #yqlove #yqdiary #yqinstagram