किसी रोज़ छॉंव की तलाश में किसी रोज़ छांव की तलाश में निकलने वाला तू नही जब इंसां होकर इंसां को ही फिर समझने वाला तू नही तू खुद के फायदे को काट लेगा अपने ही जनै को बेजुबान पेड़ों को काटने से सम्भलने वाला तू नही एसी फिज्र कूलर की आदत हो गयी है तेरे शरीर को मखमल हवा के झोंके से अब पिघलने वाला तू नही मर जायेगा सिसक सिसक कर यूही हवा के बिन तक़ब्बुर है तुझमें शुरुआत नेकी की करने वाला तू नही आमिल Kisi roz chaav ki talash m niklne wala tu nhi Jab insaa hokr insaa ko hi fir samjhne wala tu nhi Khud k fayde ko kaat lega apne hi janne ko Bezubaan paiddo ko katne se sambhalne wala tu nhi Ac fridge cooler ki adat ho gyi h tere shareer ko Makhmal hwaa ke jhoke se ab pighalne wala tu nhi