ना हमदर्द चाहिए ना किसी की हमदर्दी मुझें उन सबसे अब दूरियां चाहिए, ना यार चाहिए ना प्यार चाहिए मुझे सिर्फ मेरा साथ चाहिए, ना चाँद ना सूरज चाहिए जिसमें खुश थी मैं मुझें वहीं अकेलापन चाहिए, ना वादे हो ना कसमें हो मुझें वहीं बेमतलबी रिश्ता अपने आप से चाहिए, ना दिखावा हो ना दिखावें की दोस्ती मेरे आँसुओ को पहचाने मुझें बस वहीं एक दोस्त चाहिए, ना दूर हो मुझसे ना क़भी पास आये मेरे, जिसे हर वक़्त देख सकू वहीं एक साया मेरा चाहिए, ना अधूरी रहें ना पूरी हो ये ख्वाहिशें मेरी मुझसे मुझ तक हो, ना किसी से मिलने की ख़ुशी हो ना किसी के दिल तोड़ ने पर नाराज़गी हो मैं मुस्कुरादू फ़िरसे अब अपने लिए मुझे पहले वाली वही अभिलाषा चाहिए.. Abhilasha abhilasha💕