आँखों से अलख जगाने को!! आँखों से अलख जगाने को, यह आज भैरवी आई है . उषा-सी आँखों में कितनी, मादकता भरी ललाई है . कहता दिगन्त से मलय पवन प्राची की लाज भरी चितवन- है रात घूम आई मधुबन , यह आलस की अंगराई है . लहरों में यह क्रीड़ा-चंचल, सागर का उद्वेलित अंचल . है पोंछ रहा आँखें छलछल, किसने यह चोट लगाई है ? #NojotoQuote