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ग़म भूलाने निकला मैख़ाने, मैं आया तेरी याद में,

ग़म भूलाने  निकला मैख़ाने, मैं आया तेरी याद में, 
छोड़ आया दोस्त-यार पुराने, मैं भागा तेरी याद में, 
नुमाइश लगा कर ग़ज़लों की, मैं गाया तेरी याद में, 
धुँधला  गई परछाई  मेरी, मेरा  साया तेरी याद में।  यह प्रतियोगिता संख्या - 10 है
साहित्य कक्ष में आप सभी कवि-कवियत्री का स्वागत  🙏🏻 है।
 
चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें

🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई सारे नियम और शर्तों को ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। उसकी रचना को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा।

#collabchallenge
ग़म भूलाने  निकला मैख़ाने, मैं आया तेरी याद में, 
छोड़ आया दोस्त-यार पुराने, मैं भागा तेरी याद में, 
नुमाइश लगा कर ग़ज़लों की, मैं गाया तेरी याद में, 
धुँधला  गई परछाई  मेरी, मेरा  साया तेरी याद में।  यह प्रतियोगिता संख्या - 10 है
साहित्य कक्ष में आप सभी कवि-कवियत्री का स्वागत  🙏🏻 है।
 
चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें

🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई सारे नियम और शर्तों को ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। उसकी रचना को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा।

#collabchallenge