जिंदगी की अदालत में मुकदमा है चला वक़्त हैं जज कोई और मुजरिम है खडा काले कोट में वकील छुडाने मुजरिम को आया पर सजा मुजरिम की इतनी की छुड़ा ना पाया वक़्त सुनाता रहा सजा मुजरिम चुपचाप था खडा सब सोचते रहे वहा पर कौन है वक़्त से बड़ा #❤️⏳