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" मेरी किस्मत " न जी भर के देखा न कुछ बात की बड़

" मेरी किस्मत "


न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की,

शाम होते ही खुली सड़कों की याद आती है,
हर रोज सोचता हूँ, मैं घर से बहार निकलूँगा,

सारे रास्ते हैं, खुले हुए 
फिर भी ये ज़िंदगी रुकी हुई है,

ये दिल तो पहले से ही जुदा हैं, यहाँ 
बस्ती वालो ने क्या क़यामत कि हैं, 
अब हम हाथ मिलाने से न रहे।


                                -BG  #nojoto #lookdown
#shayri
" मेरी किस्मत "


न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की,

शाम होते ही खुली सड़कों की याद आती है,
हर रोज सोचता हूँ, मैं घर से बहार निकलूँगा,

सारे रास्ते हैं, खुले हुए 
फिर भी ये ज़िंदगी रुकी हुई है,

ये दिल तो पहले से ही जुदा हैं, यहाँ 
बस्ती वालो ने क्या क़यामत कि हैं, 
अब हम हाथ मिलाने से न रहे।


                                -BG  #nojoto #lookdown
#shayri