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ये कैसी शौहरत है ये कैसा पैमाना है भूल गई है दुनिय

ये कैसी शौहरत है
ये कैसा पैमाना है
भूल गई है दुनिया देखो
सबको इक दिन जाना है
सब मामूली से हीरों को
सर पर लगाए बैठे हैं
मिट्टी के अमोल कडों को
बैरी बनाए बैठे हैं
रौंद रहे हैं इछुक सारे
इच्छाएं इस माटी की
दानी-भिक्षुक, भिक्षुक-दानी
यही लगाए बैठे हैं
 मैं नहीं हूँ कुछ भी जो
बतलाऊँ इनको सही है क्या
सब हैं यहाँ बड़े ज्ञानी
सच को झुठलाए बैठे हैं ये कैसी शौहरत
ये कैसा पैमाना
#nojoto #nojotolive #nature #nojotohindi #nojotopoetry
ये कैसी शौहरत है
ये कैसा पैमाना है
भूल गई है दुनिया देखो
सबको इक दिन जाना है
सब मामूली से हीरों को
सर पर लगाए बैठे हैं
मिट्टी के अमोल कडों को
बैरी बनाए बैठे हैं
रौंद रहे हैं इछुक सारे
इच्छाएं इस माटी की
दानी-भिक्षुक, भिक्षुक-दानी
यही लगाए बैठे हैं
 मैं नहीं हूँ कुछ भी जो
बतलाऊँ इनको सही है क्या
सब हैं यहाँ बड़े ज्ञानी
सच को झुठलाए बैठे हैं ये कैसी शौहरत
ये कैसा पैमाना
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