अन्धेरे जिन्दगी मे जीना भुल गयी थी मैं, फिर तु खुशियो का उजाला ले कर जिन्दगी में आया, हसती थी मैं पर खुश नहीं थी, फिर तूने मुझे मुसकुराना सिखाया, क्या थी मैं,और आज मैं क्या हुँ, जो भी हुँ जैसी भी हुँ, बस तुम्हारी हुँ, नजाने कितने झगड़े,कितनी हंसी ,कितने आँसु बहे, एक दिन की जुदाई में हज़ारों दर्द सहे, चाहे कैसी भी हो हालात, न छोडुंगी कभी साथ तेरा, तु दुर हो ना चाहे ,फिर भी थामें रहूंगी हाथ तेरा #hindilekhika #hindimerishaan #meandmypenbytoshi✍