दुआ हुई कुबूल आज रहमतों की रात है, बीत न जाये ये पल खुशियाँ जो मेरे साथ है, मसर्रत से मसरूफ मेरा जर्रा जर्रा हो गया, ए दिल झूम कर गाओ आई ऐसी सौगात है, मन का कोना कोना भी हर्षित प्रसन्न हुआ, मुद्दतों बाद दिलकश हुई आज बरसात है, बस अब सबसे मिलकर ये आंनद बाँट लू, यादगार हो जाये ये पल हुई जो मुलाकात है, रजा तो तेरी थी ए ख़ुदाया जो ये पल आया, मैं वो खुशनसीब हूँ जिसके बदले हालात है, अब सारी क़ायनात मेहनतकश से झूम उठेगी, साथ हो तेरा एखुदा अभी तो ये शुरुआत है, मै मात्र एक काफ़िर थी मुझे कहाँ मालूम था, तेरे हाथों के स्पर्श से बनी हुआ आत्मसात है। @निशा कमवाल विषय:-#रहमतों की रात🙌 दुआ हुई कुबूल आज रहमतों की रात है, बीत न जाये ये पल खुशियाँ जो मेरे साथ है, मसर्रत से मसरूफ मेरा जर्रा जर्रा हो गया, ए दिल झूम कर गाओ आई ऐसी सौगात है,