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शीर्षक :- मुझे इस कदर याद आए मेरी यादों के झरोखे

शीर्षक :- मुझे इस कदर याद आए

मेरी यादों के झरोखे से,
तुम मुझे इस क़दर याद आते हो

दूर होकर भी मुझसे,
मेरे ख्वाबों में रोज आते हो।
कैसे बयां करूं इस दिल का हाल,
तुम कितना इस दिल को तड़पाते हो।

मेरी.....
तुम......

आंखें बंद करूं जब भी,
हर तरफ नज़र आते हो।
भूली बिसरी यादों को,
फिर से हरा - भरा कर जाते हो।

मेरी.....
तुम......

दिल भी गुस्ताखी कर बैठा,
हाल - ए - दिल बयां कर बैठा।
दिल-ए-नादान को कोई भाए ना
ये कैसी जादूगरी सिखाते हो।

मेरी.....
तुम.....

©Shabd_siya_k #hindi_poem #hindi_quotes #hindi_kavita #hindi_poetry #hindi_panktiyaan Darshan Raj Parth Vasvani
शीर्षक :- मुझे इस कदर याद आए

मेरी यादों के झरोखे से,
तुम मुझे इस क़दर याद आते हो

दूर होकर भी मुझसे,
मेरे ख्वाबों में रोज आते हो।
कैसे बयां करूं इस दिल का हाल,
तुम कितना इस दिल को तड़पाते हो।

मेरी.....
तुम......

आंखें बंद करूं जब भी,
हर तरफ नज़र आते हो।
भूली बिसरी यादों को,
फिर से हरा - भरा कर जाते हो।

मेरी.....
तुम......

दिल भी गुस्ताखी कर बैठा,
हाल - ए - दिल बयां कर बैठा।
दिल-ए-नादान को कोई भाए ना
ये कैसी जादूगरी सिखाते हो।

मेरी.....
तुम.....

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