क्या इतने उपर चड़ गया मालूम नहीं अपनों से कब बिछड़ गया मालूम नहीं स्वभाव से इतने कब बदल गया मालूम नहीं क्या ये मेरा घमंड है या वजूद मालूम नहीं सोच मेरी सही है या गलत मालूम नहीं मगर लिखकर छोड़ रहा हु कोई पढ़ेगा या नहीं मालूम नहीं मगर पागल मुझे समझेगा ये मालूम नहीं मालूम नहीं! #मालूमनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi