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छोड़ो धुम्रपान और शराब, नशा नाश का मूल है। जो नर न

छोड़ो धुम्रपान और शराब,
नशा नाश का मूल है।
जो नर नशें को अपनाता,
जीवन में बोता शूल है।

नशा जिसने अपना लिया,
यह जीवन की भूल है।
गांजा गुटखा बीड़ी पीता,
मानव जीवन धूल है।

नशा जो करें उसे बुलावा,
यम का स्वीकार है।
बर्बाद होकर पहुंचे श्मशान,
रोता उसका परिवार है।

पीकर भांग धतूरा दारू,
मौत गले लगाते है।
कंचन सी काया को यूं,
सब धूएं में उड़ाते हैं।
डॉ.भगवान सहाय मीना
बाड़ा पदमपुरा जयपुर राजस्थान।

©Dr. Bhagwan Sahay Rajasthani
  #धुम्रपान