ये आप से तुम तक का सफ़र मानों मेरी हर मंज़िल का हो डगर मेरी रूह में आकर बस गए वो कुछ यूँ रहा इस सफ़र का असर यूँ कुछ रिश्तों का बंधन न होता अच्छा होता, बस यही सोचता हूँ अक्सर ये रिश्ता हमारा अनमोल है मेरे लिए लगे न कभी इसे अपनी ही नज़र आप से तुम तक आया है 'भारत' ये सफर दिलाएगा तुझे तेरा हमसफ़र #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #AapSeTum