#OpenPoetry नहीं रहता जब राब्ता दर्मियां याद आता है साथ बिताया हर लम्हा तकलीफ़ बहुत होती है उसे भूलें कैसे दिल को धड़कन की जुदाई मंजूर कहाँ किस कदर खुद को हमने संभाला है उसे तो शायद याद भी ना हों वो नज़दीकियाँ -Neelimaश्री❤ #OpenPoetry #neelimaश्री#नज़दीकियाँ#दरम्याँ #तकलीफ़ #जुदाई#राब्ता