सच ही तो है दुनीयाँ का ये कटु सत्य है, अकेले आये जहाँ में, अकेले ही जाना है। दिल की धड़कनों के बंद हो जाने पर, न कोई रिश्ता न कोई जज्बात, न कोई अफसाना है। चन्द लम्हे प्यार के, कुछ किस्से , कहानियां कुछ सीख कुछ जुबानियाँ, यादे बन दिल में बस जाना है। सच ही तो है ये दुनियाँ का कटु सत्य है, जो आज हँसता, खेलता , बोलता, खिलौना है, एक दिन मौन हो, चाबी स्वासो के स्पंदन की पूरी हो जाने पर, पंचतत्वों में विलीन हो जाना है। कविता जयेश पनोत #कटु सत्य